हरिद्वार की गूंज (24*7)
(वेद प्रकाश चौहान) हरिद्वार। हरकी पौड़ी घाट सहित आसपास के घाटों पर अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। मालवीय घाट पूरी तरह चौपाटी का रूप ले चुका है। मालवीय घाट पर घूमते आवारा पशु कभी भी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। सीसीआर से हरकी पैड़ी को आने वाला पुल पर फड़ बाजार सज चुका है। हाथी पुल पर रिक्शा और दोपहिया वाहनों का कब्जा है। हरकी पैड़ी के निकट गंगा घाट पर आवारा पशु घूमते नजर आते हैं, जो भीड़भाड़ वाले इस क्षेत्र में दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। मालवीय घाट पर चाय, चने एवं अन्य खाद्य सामग्री प्रतिबंध के बाद भी बेची जा रही है। प्रतिबंधित प्लास्टिक की चटायी भी गंगा घाट पर आवाज लगाकर बेची जा रही है। गऊ घाट के निकट गंगा घाट पुल पर भी रिक्शा और दोपहिया वाहनों की पार्किंग बन चुकी है। हालांकि पिछले सप्ताह में तीन बार पुलिस व जिला प्रशासन के आला अफसर हरकी पौड़ी सहित आसपास के गंगा घाटों पर निरीक्षण के दौरान कई लोगों के चालान काटे थे और चेतावनी भी दी थी कि यदि यहां दोबारा इस प्रकार से अतिक्रमण किया तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे, लेकिन हमेशा की तरह दो दिन बाद हरकी पौड़ी पर पुनः अव्यवस्थाओं का बोलबाला शुरू हो गया, जिसके चलते तीर्थनगरी की मान-मर्यादा को तो ठेंस पहुंच रही रही है, साथ ही यहां आने वाले हजारों-लाखों उन तीर्थयात्रियों को भी ठगी का शिकार होना पड़ता है, जिसके चलते एक गलत संदेश देश-दुनिया में पहुंच रहा है। बहरहाल यदि समय रहते पुलिस, निगम व जिला प्रशासन ने इस ओर ठोस कार्रवाई नहीं की तो वह दिन दूर नहीं जब हरकी पौड़ी की पहचान एक चौपाटी के रूप में होकर रह जाएगी, जिसके लिए यहां का अपंग हो चुका पुलिस, निगम व जिला प्रशासन तंत्र ही जिम्मेदार होगा।