हरिद्वार

रामकृष्ण मिशन मठ में मनाया गया क्रिसमस-डे

वेद प्रकाश चौहान मुख्य सह सम्पादक

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(वेद प्रकाश चौहान) हरिद्वार। रामकृष्ण मिशन मठ कनखल में ईसा मसीह का जन्मदिन क्रिसमस-डे के रूप में मनाया गया। इस पुण्य पर्व को मिशन में संकल्प दिवस के रूप में मनाया जाता है, 25 दिसंबर को स्वामी विवेकानंद ने अपने भक्तों को संकल्प दिवस मनाने के लिए प्रेरित किया था, हरिद्वार के रामकृष्ण मिशन मठ समेत पूरे देश-विदेश के रामकृष्ण मिशन मठों में क्रिसमस-डे भगवाधारी साधु संत भक्तों के साथ मनाते हैं। इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए आज रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम के मठ में रामकृष्ण परमहंस मंदिर में उनकी मूर्ति के सामने ईसा मसीह और मां मेरी की तस्वीर लगाई गई, जिसे फूलों और मोमबत्तियां से सजाया गया, मोमबत्ती को क्रॉस लगाकर प्रज्वलित किया गया। रामकृष्ण मठ मंदिर में शंख की ध्वनि के साथ क्रिसमस का आगाज हुआ। इस अवसर पर बाइबल के अंश स्वामी दयाधिपानंद महाराज ने पढ़कर सुनाएं और यह बताया कि भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत और गीता में अपने उपदेश में मानव जाति के लिए जो कहा है वही प्रभु यीशु ने बाइबल में अपने उपदेशों में कहा है भगवान श्री कृष्ण और प्रभु यीशु ने कहा है, कि मुझ तक जाने के रास्ते अलग अलग है परंतु मैं एक ही हूं उन्होंने बाइबिल में से यीशु के जीवन के बारे में सुनाया। स्वामी निर्विकल्पानंद महाराज ने भगवान कृष्ण और यीशु की समानताओं के बारे में बताया। रामकृष्ण मिशन के सचिव स्वामी नित्यशुद्धानन्द महाराज ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण और प्रभु यीशु के उपदेश मानव जाति के कल्याण के लिए हैं और सामाजिक सद्भाव की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने 25 दिसंबर को संकल्प दिवस मनाया, तो उन्हें बताया गया कि आज प्रभु यीशु का जन्मदिन है तो उन्होंने मिशन में संकल्प दिवस को प्रभु यीशु के जन्म दिवस के रूप में मनाने की प्रेरणा दी। रामकृष्ण मिशन के स्वामी निर्विकल्पानंद महाराज मिशन के संन्यासी बनने से पहले कैथोलिक ईसाई थे और स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रेरित होकर उन्होंने रामकृष्ण मिशन में संन्यास लिया और जीवन भर मानव सेवा की मिशन में रहकर उन्होंने क्रिसमस डे की पूर्व संध्या पर रामकृष्ण मठ में प्रभु यीशु के भजनों की संध्या कराने की परंपरा डाली जो आज तक चली आ रही है इस अवसर पर बड़ी संख्या में भक्तों ने भाग लिया और केक काटा गया, और प्रसाद वितरित किया गया इस तरह एक हिंदू संत के मंदिर में क्रिसमस-डे मनाना भारतीय साझा संस्कृति और समन्वय का प्रतीक है।

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