सप्त ऋषि आश्रम हरिद्वार में खुला डॉ० शिवकुमार स्मृति सनातन धर्म प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र
डॉ शिवकुमार शर्मा थे महान समाजसेवी: महंत स्वामी देवानंद सरस्वती
हरिद्वार की गूंज (24*7)
(रजत चौहान) हरिद्वार। सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा पंजाब के दिवंगत अध्यक्ष डॉ शिवकुमार शर्मा की याद में आज सप्त ऋषि आश्रम हरिद्वार में डॉक्टर शिवकुमार सनातन धर्म प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र खोला गया। जिसका उद्घाटन पंच दशनाम जूना अखाड़ा के सचिव महंत स्वामी देवानंद सरस्वती महाराज ने किया। इस अवसर पर हवन यज्ञ का आयोजन किया गया जिसमें सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा पंजाब के अंतरिम अध्यक्ष इंद्र मोहन गोस्वामी, महासचिव डॉक्टर देशबंधु, सनातन धर्म महावीर दल के राष्ट्रीय प्रधान महंत स्वरूप बिहारी शरण, सनातन धर्म शिक्षा समिति के राष्ट्रीय महासचिव डॉ० गुरदीप सिंह, डॉ० नंदकिशोर शर्मा, सुभाष घई, जगदेव सिंह संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ राजेंद्र कुमार गोनियल व सप्त ऋषि आश्रम के प्रबंधक विनोद सैनी आदि उपस्थित थे। सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा पंजाब के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिवंगत डॉ० शिवकुमार शर्मा का भावपूर्ण स्मरण करते हुए महंत स्वामी देवानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि शिवकुमार महामानव थे उनकी चिकित्सा के क्षेत्र में की गई सेवाओं को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने 22 वर्षों तक सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा पंजाब के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर रहकर विभिन्न क्षेत्रों में कई सामाजिक कार्य किए वे महान समाजसेवी थे। उन्होंने कहा कि डॉ० शिवकुमार शर्मा ने हिमाचल प्रदेश में अपने गृह क्षेत्र पालमपुर में एक बड़ा नेत्र चिकित्सालय खोलकर मानवता का परिचय दिया वे विभिन्न सामाजिक संस्थाओं से जुड़े रहे। इस अवसर पर सभा के अंतरिम अध्यक्ष इंद्रमोहन गोस्वामी ने कहा कि डॉ० शिवकुमार शर्मा के विचार हमेशा प्रासंगिक रहेंगे उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता। सभा के महासचिव डॉ० देशबंधु ने कहा कि डॉ० शिव कुमार शर्मा का जीवन प्रेरणादाई था वे हमेशा अपने सिद्धांतों के लिए समर्पित रहे, सनातन धर्म महावीर दल के अध्यक्ष महंत स्वरूप बिहारी शरण ने कहा कि डॉ शर्मा का जीवन अनुकरणीय है। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर नंदकिशोर शर्मा ने किया इस अवसर पर सभा के उपाध्यक्ष सुधीर कुमार गुप्ता, मिथिलेश सनातन धर्म इंटर कॉलेज की प्रबंध समिति के सचिव प्रबंधन सतपाल ब्रह्मचारी और प्रधानाचार्य मीनाक्षी शर्मा ने भी अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की।