लक्सर

फांसी पर झूल रहे व्यक्ति की हेड कांस्टेबल शूरवीर सिंह तोमर ने बचाई जान, लक्सर क्षेत्र का मामला

फिरोज अहमद जिला ग्रामीण प्रभारी

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(फिरोज अहमद) लक्सर। दरअसल लक्सर लक्सर कोतवाली पर बीती 18 सितंबर की देर रात को 112 से सूचना मिली कि सुल्तानपुर क्षेत्र में दो भाईयों में लडाई झगडा हो गया है, जिसकी सूचना पर लक्सर पुलिस द्वारा सुरक्षा/शान्ति व्यवस्था के दृष्टीगत पवन पुत्र जगदीश निवासी झिवरहेडी लक्सर, को कोतवाली पर लाया गया था जो की शराब के नशे में था कोतवाली में पवन को हेड कांस्टेबल शूरवीर तोमर की निगरानी में महिला हेल्प डेस्क के सामने कुर्सी पर बैठाया गया निगरानी में हेड कांस्टेबल शूरवीर तोमर जैसे पवन के लिये मैस में खाना लेने गए, और जब वापस आए तो उन्होंने देखा कि पवन ने अपने अण्डर वियर की इलास्टिक निकालकर जाली पर बांधकर अपने पैर फोल्ड करके गले मे फंदा लगा लिया है। जिसकी लास्टिक के दबाव में गर्दन के खिंच जाने पर से पवन की आंखें भी चढ़ गई पवन को जाली/फंदे पर लगभग मूर्छित अवस्था में लटका देखकर हेड कांस्टेबल शूरवीर सिंह तोमर ने संयम व सूझबूझ से काम लेते हुए तुरंत पवन के गले का फंदा तोड़कर नीचे उतारा और तत्काल कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अमरचंद शर्मा को अवगत कराया जिन्होंने अन्य उच्चाधिकारीगण को घटना की जानकारी दी बेहद संवेदनशील प्रकरण पर कुछ ही सेकंड्स में थाने पर मौजूद फोर्स द्वारा पवन को तुरंत पहले लक्सर चिकित्सालय तत्पश्चात सरकारी अस्पताल रुड़की ले जाया गया सरकारी अस्पताल रुड़की में डॉक्टर की टीम द्वारा मूर्छित पवन को होश में लाने के लिए इंजेक्शन लगाने के साथ-साथ ऑक्सीजन भी लगाई लेकिन पवन की बॉडी द्वारा कोई रेस्पांस ना देने पर मामले को एम्स ऋषिकेश के लिए रेफ़र कर दिया गया। वही जिसके बाद एम्स ऋषिकेश में डॉक्टर की टीम द्वारा पवन को होश में लाने का पूरा प्रयास किया गया। डॉक्टरो के लगातार अथक प्रयासो के फलस्वरुप लगभग 24 घंटे बाद पवन के शरीर में हरकत हुई और धीरे-धीरे पवन मूर्छा की अवस्था से बाहर आया इस दौरान कोतवाली पुलिस द्वारा शुरुआत से ही पवन के परिजनों को अवगत कराते हुए, परिजन भी एम्स ऋषिकेश पहुंच गए जिन्होंने जानकारी दी की पवन ओर उसके भाई मे शराब पीने के बाद अक्सर झगड़ा होता है लेकिन आज पवन को पुलिस ने बचा लिया। इस मामले में जहां एक तरफ अपने सर्किल में सक्रिय रहने वाले ASP/CO लक्सर मनोज कुमार द्वारा आवश्यक दिशा निर्देश एवं जानकारी लेते हुए उच्चाधिकारी को अपडेट कर रहे थे तो वहीं प्रभारी निरीक्षक अमरचंद शर्मा द्वारा भी अपनी व्यावसायिक दक्षता का परिचय देने के साथ-साथ एम्स ऋषिकेश होश में आने तक पूरे समय पवन के साथ रहे जहा डॉक्टर द्वारा चेकअप करने के बाद पवन को डिस्चार्ज कर परिजनों के सुपुर्द किया गया। बता दे मामला भले ही आपसी झगड़े का हो लेकिन पुलिस कस्टडी में पवन की इस प्रकार अचानक से तबीयत खराब हो जाना संवेदनशील प्रकरण था। जिसमें हेड कांस्टेबल शूरवीर तोमर ने अपने कर्तव्य बोध के चलते जहां एक गरीब परिवार के मुखिया की जान बचाई तो वहीं स्थिति भांपकर सूझबूझ का परिचय देते हुए, बिना घबराए तुरंत कार्रवाई करने के साथ-साथ अपने सीनियर्स को भी अवगत कराया गया यदि पवन के साथ कोई अनहोनी कोतवाली परिसर में होती तो शांति एवं कानून व्यवस्था प्रभावित हो सकती थी। वही हमेशा अपने अधीनस्थों के बारे में बेहतर सोच रखने वाले एसएसपी हरिद्वार प्रमेन्द्र डोबाल द्वारा इस बारे में एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह से जानकारी कर पूरे प्रकरण की रिपोर्ट मांगी गयीं है साथ ही हेड कांस्टेबल की तत्परता व सूझबूझ की प्रशंसा करते हुए इस पूरी कार्रवाई, जिससे एक व्यक्ति की जिंदगी बची, के संदर्भ में फाइल को प्रधानमंत्री जीवन रक्षक पदक लिए आगे भेजने की बात कही गई है।

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