सहारनपुर

लॉटरी के लालच में गवाए हजारो

जावेद राणा सहारनपुर जिला प्रभारी

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(जावेद राणा) गागलहेड़ी। क्या आपने भी कभी केबीसी के नाम पर लॉटरी जीती है। या कभी आप केबीसी के नाम पर ठगी का शिकार हुए हैं। क्या आपके पास इस तरह का कोई कॉल या मैसेज आया है। अगर हां, तो खुद को खुशनसीब नहीं बल्कि ठगों का शिकार समझिये। इन ठगों की नजर आपकी मेहनत की कमाई पर है, जिसपर सेंध लगाने के लिए ये नए-नए पैंतरे आजमाते रहते हैं और इसके लिए टीवी के सबसे चर्चित क्विज़ शो केबीसी यानि कौन बनेगा करोड़पति के नाम का सहारा लिया जाता है। केबीसी के नाम पर लॉटरी जिताने का पैंतरा भले पुराना लगे लेकिन ठगों ने इस पैंतरे को वक्त के साथ अपडेट कर लिया है। केबीसी लॉटरी के नाम पर आपको ठगी बनाने के जो पैंतरे ये ठग अपनाते हैं, वो आपके होश उड़ा देंगे। आइये आपको सिलसिलेवार ढंग से बताते हैं कि इस ठगी को कैसे अंजाम दिया जाता है।

बधाई हो आपकी लॉटरी लगी है

इस शानदार अंदाज़ में फोन कॉल की शुरुआत होती है, बताया जाता है कि आपका मोबाइल नंबर आपके लिए लकी साबित हुआ है उसी नंबर पर आपको 25 लाख की लॉटरी लगी है। वैसे जितने लोगों को भी ठग इस तरह का संदेश भेजते हैं वो 25 लाख की लॉटरी की ही बात कहते हैं। फोन करने वाला खुद को केबीसी यानि कौन बनेगा करोड़पति कार्यक्रम का अधिकारी बताता है।

थाना क्षेत्र की एक महिला ने हजारो रुपए ठग के खाते में डलवाए

25 लाख खाते में जल्द ही डाले जाएगे इससे पहले आप खाते में 18 हजार रुपए डलवाए उसके बाद 25 लाख 5 मिनट बाद ही खाते में पैसे आएगे। यह बात कह कर ठगी करने वाले ठगो ने एक महिला को झांसे में लेकर 18 हजार रुपए खाते में डलवा लिए। जब इस महिला ने पैसे डाल दिए तो वह 25 लाख लॉटरी में जीते हुए मांगने लगी तो वह ओर पैसे डालने के लिए कहने लगे। पीड़ित महिला को शक ओर यकीन दोनों हो गए कि अब पैसे नही आएगे ओर यह मेरे साथ ठगी कर रहा है। महिला कस्बा पुलिस चौकी में शिकायत लेकर पहुची जहा चौकी इंचार्ज ने एसबीआई खाते में जो महिला ने जो 18 हजार डलवाए थे पुलिस द्वारा बैंक जाकर खाता चेक कराया गया तो वह फर्जी एड्रेस पर खाता खुला हुआ था। पुलिस ने महिला को समझाया कि वह ऐसे लालच में आगे से ना फंसे।

अब शुरू होता है असली खेल

अब ठगों के बिछाए इस जाल में जो फंस जाता है वो दिए गए वॉट्सएप नंबर पर कॉल करता है, कुछ लोग पूछताछ करते हैं तो सामने वाला ठग किसी आधार कार्ड या अन्य पहचान पत्र भेजकर भरोसा जीतने की और कोशिश करता है। ये पहचान पत्र बैंक से जुड़े किसी शख्स का भी हो सकता है ताकि सामने वाले को भरोसा हो जाए। हालांकि यहां ठग किसी दूसरे के आधार कार्ड, आईडी का गलत इस्तेमाल या फर्जी आईडी बनवाकर आपको ठगने के लिए पूरी तरह तैयार रहते हैं।

बाद में पुलिस के पास जाने से समझदारी भली

अगर आप किसी भी तरह की ठगी या साइबर ठगी का शिकार होते हैं तो आपके पास पुलिस या साइबर क्राइम की शरण में जाने के अलावा कोई चारा ही नहीं रहता। लेकिन आपकी मेहनत की कमाई जो ठग ली गई उसकी वापसी की गारंटी ना पुलिस देती है ना बैंक, बस आप सिर्फ उम्मीद का दामन थामे रखिये कि जल्द वो ठग पकड़ा जाएगा और आपके रुपये आपको मिल जाएं, लेकिन बाद में पछताकर पुलिस के पास जाने से अच्छा है कि समझदारी से काम लीजिये, ऐसे लॉटरी, ऑफर, कैश प्राइज़ जैसे ठगों के जाल से बचकर रहिये।

18 हजार की कमाई गवाकर महिला के आंखों में आए आंसू

ठगी का शिकार हुई महिला को जब पता चला कि उसके पैसे वापस नही आएगे तो उसके आंखों से पानी छलक पड़ा और कहने लगी कि उसने यह पैसे बड़ी मेहनत से इकट्ठे किए थे। जिसे पलभर में उसने खो दिए है। यह पैसे इकट्ठे करने में उसे कई महीने लग गए थे।।लालच- मानो या ना मानो, लेकिन ये ठगों का सबसे बड़ा हथियार और आपकी सबसे बड़ी कमजोरी है, कुछ लोग लाखों की लॉटरी के लालच के लिए हजारों देने में गुरेज नहीं करते और बचपन का सिखाया लालच बुरी बला है का पाठ भूल जाते हैं और ठगों का शिकार बन जाते हैं।

पुलिस बोली लॉटरी के चक्कर मे ना हो ठगी का शिकार

ठगी का शिकार होने के बाद जब पीड़िता पुलिस चौकी पहुची तो चौकी प्रभारी नवीन सैनी ने ठग से पैसे वापस कराने के बड़े प्रयास किए लेकिन उसने एक नही सुनी। चौकी प्रभारी ने महिला व क्षेत्र की जनता को मेसज देते हुए समझया की वह ऐसे लॉटरी के लालच में ना आकर अपनी मेहनत की कमाई को न गवाए।

Back to top button