संसारिक सुखों के साथ मोक्ष प्रदान करती है मां भगवती: आलोक गिरी
श्री बालाजी धाम सिद्धबलि हनुमान नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में श्रीमद् देवीभागवत महापुराण कथा जारी
हरिद्वार की गूंज (24*7)
(नीटू कुमार) हरिद्वार। स्वामी आलोक गिरी महाराज ने कहा मां भगवती भक्तों को सांसारिक सुखों के साथ-साथ मोक्ष प्रदान करने वाली है। ऐसे में साधकों को मन कर्म वचन से भगवती की शरण में जाना चाहिए। शरणागत की रक्षा के लिए मां सदैव तत्पर रहती है। गौरतलब है कि जगजीतपुर-जमालपुर रोड पर फुटबॉल ग्राउंड के समीप स्थित
श्री बालाजी धाम सिद्धबलि हनुमान-नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में
स्वामी आलोक गिरी महाराज की प्रेरणा एवं पूजारी बाबा मनकामेश्वर गिरी के सानिध्य में चल रही श्रीमद् देवी भागवत कथा के तीसरे दिन कथा व्यास पं सोहन चंद्र ढौण्डियाल ने कहा कि जीवन में सत्य का आचरण करने वाला व्यक्ति उन्नति के पथ पर अग्रसर होता है। माता-पिता का आदर करना और उनकी सेवा करना ही सच्ची सेवा है। कितनी ही विपरीत परिस्थिति क्यों न आ जाएं, जीवन में सत्य का मार्ग नहीं छोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि देवी भगवती जगत की मां हैं, जो भी मां की शरण में आता है उसका कल्याण होता है। उन्होंने कहा पति-पत्नी को कभी भी लड़ना नहीं चाहिए। दोनों ही जीवन के दो पहिए हैं। दोनाें को मिल-जुलकर जीवन को आगे बढ़ाना चाहिए। उन्हाेंने देवी के विभिन्न स्वरूपों का वर्णन किया। कहा कि देवी सर्वशक्तिमान है। जब जब धरती पर पाप बढ़े हैं मां भगवती ने अलग-अलग रूपों में अवतार लिया। कई लोग बुढ़ापे में माता-पिता को वृद्ध आश्रम में छोड़ देते हैं। ऐसे लोगों को अनेक जन्माें में घोर दुख भोगने पड़ते हैं। बाबा मनकामेश्वर गिरी महाराज ने बताया कि प्रतिदिन आरती के उपरांत हवन का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए भक्तजन आहुति डालकर मां से प्रार्थना करते हैं। उन्होंने बताया कि नवरात्र महोत्सव के उपरांत 22-23 अप्रैल को हनुमान जयंती महोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। वहीं माह के आखिर में 27-30 अप्रैल को भक्तों की टोली अयोध्या एवं चक्रतीर्थ, नैमिषारण्य दर्शन के लिए प्रस्थान करेगी।इस मौके पर कथा संयोजक पूजारी बाबा मनकामेश्वर गिरी, प्रदुम्न सिंह, विशाल शर्मा, प्रांजल शर्मा, आशीष पंत, पूनम पोखरियाल, निर्मला देवी, उमा रानी, प्रिंसी त्यागी, रूचि अग्रवाल, मोहिनी बंसल, उमा धीमान, शिखा धीमान, विनीता सहित अन्य भक्तजन मौजूद रहे।