हरिद्वार

धर्मनगरी में धूमधाम से मनाया गया भाई दूज का पर्व

वेद प्रकाश चौहान सह सम्पादक

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(वेद प्रकाश चौहान) हरिद्वार। धर्म नगरी हरिद्वार में भाई दूज का पर्व धूमधाम से मनाया गया। यह पर्व भाई व बहन के प्रेम का पर्व है। इस दिन बहिनों ने भाईयों के तिलक कर उनकी दीर्घायु की कामना करते हुए भाई से उनकी रक्षा का वचन लिया। यह त्योहार दिवाली के 2 दिन मनाया जाता है। जो इस बार शनिवार को मनाया गया है। बतादें कि यह पर्व को हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन मनाया जाता है। इस पर्व को बहनें अपने भाईयों के माथे पर तिलक लगाकर भाइयों की लम्बी आयु की कामना करती हैं। पं. दिनेश चंद शास्त्री के मुताबिक मान्यता है कि इस दिन बहन के द्वारा अपने हाथ से भाई को भोजन कराने से भाई की उम्र बढ़ती है और जीवन के कष्ट दूर होते हैं। इस दिन बहन के घर भोजन करने का विशेष महत्व है। उन्होंने बताया कि भैयादूज पर भाई के तिलक के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 8 बजकर 10 मिनट से 9.33 बजे तक शुभ चौघडि़या, दोपहर 12. 19 बजे से शाम 4.27 बजे तक चर, लाभ और अमृत के चौघडि़या रहा। इस समय में भाई के तिलक करना शुभकारी रहा। उन्होंने बताया कि इस दिन भाई अपनी बहन के घर तिलक करवाने जाते हैं। इसके पीछे भी मान्यता है कि यम इसी दिन अपनी बहन यमुना के घर गए थे। उन्होंने बताया कि इस दिन भाई-बहन के द्वारा यमुना जी में स्नान करने का भी विशेष महत्व होता है। जो भाई-बहन इस दिन यमुना जी में स्नान करते हैं। उनकी दीर्घायु के साथ अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता। बताया कि इस दिन यमराज ने भी अपनी बहन यमुना के घर जाकर उनसे तिलक करवाया था और उनके यहां भोजन किया था। वहीं, भाईयों ने आज के पावन पर्व पर तिलक करवाने के बाद बहनों को कुछ उपहार स्वरूप वस्तुएं दी।

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