काशीपुर के प्रसिद्ध बालसुन्दरी माता मन्दिर में प्रथम चैत्र नवरात्र पर पूजा अर्चना के साथ ही एतहासिक चेती मेले का होगा शुभारम्भ
हर वर्ष चैत्र नवरात्र अवसर पर शक्ति पीठ मन्दिर में दूर दराज से लाखों श्रद्धालु पहुंच कर लेते हैं आशीर्वाद: विकास अग्निहोत्री
हरिद्वार की गूंज (24*7)
(राजेश कुमार) देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड जो कि दैवीय शक्तियों का स्थान माना जाता है, जहां देश भर से श्रद्धालु देवभूमि में पहुंचकर प्राकृतिक वातावरण के साथ ही दैवीय स्थलों के दर्शन कर पुण्य का लाभ प्राप्त करते हैं, वहीं जिला ऊधमसिंह नगर के काशीपुर में स्थित प्रसिद्ध बालसुन्दरी माता मन्दिर का भी विशेष महत्व है, जहां मन्दिर के दर्शनों के लिए दिन भर भक्तों का तांता लगा रहता है। वहीं मन्दिर के मुख्य पंडित विकास अग्निहोत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि प्राचीन समय से काशीपुर स्थित बालसुन्दरी मन्दिर में हर वर्ष चैत्र नवरात्र में पौराणिक परंपराओं के साथ विधिवत् पूजा अर्चना के बाद ऐतिहासिक चैती मेले का शुभारंभ किया जाता है। वहीं मुख्य पंडित विकास अग्निहोत्री ने बताया कि माता रानी की अनुकम्पा से पिछ्ले कई दशकों से उनके पूर्वजों से ही पीढ़ी दर पीढ़ी मन्दिर की सेवा की जा रही है। उन्होंने बताया कि यह उनका परम् सौभाग्य है कि वर्तमान में वर्ष 2003 से मुख्य पंडित के रुप में वह मन्दिर की सेवा कर रहे हैं, उन्होंने बताया कि हर वर्ष चैत्र नवरात्र के अवसर पर मन्दिर में मां बालसुन्दरी की विशेष कृपा रहती है, इस अवसर पर दूर दराज से लाखों श्रद्धालु मन्दिर में घंटो तक लाइन में खड़े होकर मां की एक झलक देखने को उत्सुक रहते हैं। वहीं इस स्थान पर नवरात्र के दिनों में नवरात्र के दिनों में भक्तों में अलग ही उत्साह देखने को मिलता है, यह एक शक्ति पीठ स्थल है जो कि लाखों भक्तों का आस्था का केन्द्र है। वहीं जानकारी के मुताबिक मान्यता है कि नवरात्र के दिनों में जो भी सच्ची आस्था के साथ जो माता के दर्शन कर अपनी कामना करते हैं वह सभी कामनाएं माता रानी की कृपा से जल्द ही पूरी होती हैं, लाखों श्रद्धालुओं ने इस पवित्र स्थान पर चमत्कार देखे हैं, मान्यता है कि मन्दिर में दर्शन करने वाले लाखों लोगों के दुःख संकट दूर हुए हैं वहीं नवरात्र के अवसर पर मन्दिर के मुख्य द्वार से लेकर पूरे मन्दिर प्रांगण को तरह तरह के फूलों एवं रंग बिरंगी लाईटों से सजाया जाता है, जिससे मन्दिर प्रांगण में अलग ही नजारा देखने को मिलता है। वहीं हर वर्ष भव्य चैती मेले का भी विशेष महत्व रहता है जिसका बेसब्री से इंतजार रहता है, रात्रि में लगने वाले मेले का सुन्दर नजारा देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। वहीं दूर दराज से लाखों श्रद्धालुगण मन्दिर में माथा टेकने के बाद भव्य मेले का भरपूर आनंद लेते हैं, जहां तरह-तरह के आकर्षित झूले, घरेलू सामान एवं अन्य स्टॉल, स्वादिष्ट व्यंजनों के स्टॉल आदि आकर्षण का केन्द्र बने रहते हैं जहां लोग जमकर खरीददारी करते हैं। वहीं मुख्य पंडा विकास अग्निहोत्री ने बताया कि जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के भी पुख्ता इंतजाम किए जाते हैं मेले को सकुशल संपन्न करवाने में जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन का पूर्ण रूप से सहयोग रहता है। वहीं जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन द्वारा दिन रात मेले में व्यवस्था को बेहतर बनाने में अहम भूमिका रहती है, मन्दिर के मुख्य पंडित विकास अग्निहोत्री ने बताया कि इस वर्ष 9 अप्रैल से प्रथम नवरात्र से मन्दिर भक्तों के दर्शनों के लिए खुला रहेगा और 5 मई 2024 तक मेला रहेगा
वहीं मन्दिर के मुख्य पंडित विकास अग्निहोत्री ने आगामी चैत्र नवरात्र के शुभ अवसर पर समस्त श्रद्धालुओं से आग्रह करते हुए कहा कि मां बालसुन्दरी में पहुंच कर दर्शन करने वाले भक्तों का स्वागत एवं अभिनंदन करते हैं।