उत्तराखंड पुलिस ने ऑपरेशन स्माईल के तहत एक बौद्धिक दिव्यांग बच्चे को किया परिजनों के सुपुर्द
रजत चौहान प्रधान सम्पादक
हरिद्वार की गूंज (24*7)
(रजत चौहान) पौड़ी गढ़वाल। पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अशोक कुमार की पहल पर प्रदेश स्तर पर चलाये जा रहे ऑपरेशन स्माईल के तहत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रेणुका देवी जनपद पौड़ी गढ़वाल के कुशल नेतृत्व में तथा अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार मनीषा जोशी एवं क्षेत्राधिकारी/नोडल अधिकारी अनिल जोशी के पर्यवेक्षण में एवं एएचटीयू कोटद्वार प्रभारी सुमनलता के प्रभार में एक बौद्धिक दिव्यांग जो ठीक से बोल नहीं सकता और सुन नहीं सकता अंसारुल उम्र 17 वर्ष पुत्र तैय्यब निवासी गॉव तिरा, थाना घनश्यामपुर, जनपद दरभंगा, बिहार जो वर्ष 2020 से सत्य साई आश्रम, देहरादून में लावारिश में दाखिल था। पौड़ी टीम से उपनिरीक्षक वी० कृपाल सिंह के द्वारा बालक के परिजनों की तलाश के लिए फेसबुक, व्हाटसअप ग्रुप पर बालक का फोटो और वीडियो सामाजिक संस्थाओं और अन्य राज्य की पुलिस के लिए अपना मोबाइल नम्बर लिखकर शेयर किया गया, तो बिहार राज्य से अरुण कुमार यादव फ़ोन आया कि आपके द्वारा जिस बालक का फोटो भेजा गया है वो मेरे गॉव का है। इसके पिता मेरे स्कूल के विद्यार्थी जीवन के मित्र है। इसके पिताजी आपको वीडियो कॉल करना चाहते है। वीडियो कॉल पर इस बालक के अब्बू काफी प्रसन्न नजर आए और बोले कि इस काम को तो कोई फरिश्ता ही कर सकता है और कहां की उत्तराखंड पुलिस बहुत अच्छे काम करती है। हम सोशल साइड पर देखते रहते है। हम जल्दी ही अपने बेटे को लेने देहरादून आएंगे। उत्तराखंड पौड़ी गढ़वाल ऑपरेशन स्माईल टीम की उप निरीक्षक सुमनलता व उपनिरीक्षक वी० कृपाल सिंह व कांस्टेबल अरविंद कुमार के साथ बालक के परिजनों के साथ आश्रम में आकर बालक को जैसे ही परिजनों को सुपुर्द करा रहे थे तो बालक अपने पिता व चचेरे दादा मोहम्मद इलियास को देखकर बहुत खुश हुआ और कुछ देर बाद ही उनसे गले लगकर सिसकियाँ लेते हुए रोने लगा। बालक को आश्रम के कर्मचारी व उत्तराखंड पुलिस द्वारा बहुत ही लाड़ प्यार से चुप कराया गया। बालक के द्वारा अपने अब्बू के फ़ोन पर अपने घर के अन्य परिजनों से भी फ़ोन पर कुछ मुहूं से अपनी पीड़ा को इशारे से थोड़ी-थोड़ी आवाज़ निकाल कर बयान किया जिसको केवल मूक बालक ही समझ सकता था। बालक के परिजनों की उत्तराखंड पुलिस पौड़ी गढ़वाल ऑपरेशन स्माईल टीम द्वारा हर संभव मदद की गयी। बालक के परिजनों द्वारा उत्तराखंड पौड़ी गढ़वाल ऑपरेशन स्माईल टीम के इस कार्य की काफी तारीफ की गई और घर जाते समय बालक और इसके परिजन काफी प्रसन्न मुद्रा में नजर आए।