दीपावली सौहार्द और सद्भावना का पर्व: इंचार्ज खेंमेंद्र गंगवार
मोहम्मद आरिफ उत्तराखंड क्राइम प्रभारी
हरिद्वार की गूंज (24*7)
(मोहम्मद आरिफ) हरिद्वार। दीपावली भारत में हिन्दुओं द्वारा मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्योहार है। दीपों का खास पर्व होने के कारण इसे दीपावली या दिवाली नाम दिया गया है। दीपावली का मतलब, दीपों की अवली यानि पंक्ति है। इस प्रकार दीपों की पंक्तियों से सुसज्जित इस त्योहार को दीपावली कहा जाता है। कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाने वाला यह महापर्व, अंधेरी रात को असंख्य दीपों की रौशनी से प्रकाशमय कर देता है। दीप जलाने की प्रथा के पीछे अलग-अलग धार्मिक कथाएं भी हैं। हिंदू मान्यताओं में राम भक्तों के अनुसार कार्तिक अमावस्या को भगवान श्री रामचंद्र चौदह वर्ष का वनवास काटकर और असुरी वृत्तियों के प्रतीक रावणादि का संहार कर अयोध्या लौटे थे। तब अयोध्यावासियों ने राम के राज्यारोहण पर दीपमालाएं जलाकर महोत्सव मनाया था। इसी लिए दीपावली हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। वही धर्मनगरी में दीपावली पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। दीपावली पर माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए घर, मंदिर मठों में विधि विधान के साथ लक्ष्मी पूजन किया गया। घरो को फूल, आम के पत्तों और रंगोली आदि से सजाया गया। माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए घर के प्रवेश द्वारो पर दीप प्रज्वलन किए गए। इसी क्रम में कर्मठ, इमानदार और अपने कर्तव्य के प्रति धनी जगजीतपुर चौकी इंचार्ज खेंमेंद्र गंगवार ने चौकी को रंगोली से सजाया है। उन्होंने देश प्रदेश वासियों को दीपावली पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहां कि दीपावली त्योहार सभी जाति धर्म के लोगों को एक सूत्र में पिरोने का कार्य करता है। दीपावली उजाले का पर्व है जो हमें अंधेरे से प्रकाश की ओर ले जाता है। और सौहार्दपूर्ण वातावरण में बांधने का भी दीपावली पर्व की अपनी अहम भूमिका है। इस लिए हम सभी को दीपावली पर्व को एकता की मिसाल पेश कर मिलजुल कर मनानी चाहिए। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए पटाखे का इस्तेमाल ना करें। आसपास के वातावरण को सुंदर बनाएं रखें। जिससे वातावरण प्रदूषित होने बच सकें। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के साथ प्यार बांटे जो किन्हीं कारणों से दीपावली सही ढंग से नहीं मना पाते उन गरीब और जरूरतमंद लोगों में भी खुशियां बांटे।