हरिद्वार

पूरा शहर शीतलहर से कांप रहा, हरिद्वार नगर निगम को नहीं लग रही ठंड

वेद प्रकाश चौहान प्रधान सम्पादक

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(वेद प्रकाश चौहान) हरिद्वार। बीते दो दिनों में ठंड से शीतलहर का एहसास हो गया है, लेकिन नगर निगम के अलाव पूरी तरह नहीं जले हैं। नगर निगम सभी चिह्नित स्थानों पर अलाव जलाने के लिए मौसम विभाग की ओर से घोषित शीत लहर का इंतजार कर रहा है। शनिवार को अब तक का सबसे ठंडा दिन होने के बाद भी अलाव की संख्या नहीं बढ़ाई। शहर में अलाव पर कई क्विंटल लकड़ी डालने का नियम है, लेकिन इससे आधी ही डाली जा रही है। जिससे अलाव दो घंटे में ही बुझ रहे हैं। जिला अस्पताल में तीमारदार और रेलवे स्टेशन व रोडवेज पर पूरी रात राहगीर, रिक्शा चालक व गरीबों की अच्छी भीड़ होती है। जिससे यह अलाव जल्दी बुझने से राहत नहीं दे रहे हैं। नगर आयुक्त से संपर्क करने का प्रयास किया जाता है तो वह इतने व्यस्त हैं कि फोन उठाना भी मुनासिब नहीं समझते।

कोहरे की चादर में लिपटी रही धर्मनगरी

गंगानगरी में पिछले तीन दिनों से कड़ाके की ठंड पड़ रही है। संपूर्ण हरिद्वार को कोहरे की चादर ने अपने आगोश में ले लिया। सुबह से शाम चल रही शीतलहर से ठिठुरन के साथ परेशानी भी बढ़ गई। दोपहर में निकली धूप से भी शहरवासियों को राहत नहीं मिल पा रही है। दिसम्बर माह के बीच के दिनों में ही दिन भर ठंड का प्रकोप बना रहना शुरू हो गया है। शाम होते-होते तेज चल रही सर्द हवाओं ने भी आमजन की दिक्कत बढ़ा दी है। शुक्रवार के मुकाबले शनिवार व रविवार को अधिकतम तापमान में चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। सर्दियों के सीजन का रविवार का दिन सबसे ज्यादा ठंडा रहा। सुबह कोहरे की चादर से शहर ढका रहा। सुबह 11 बजे के बाद धूप तो निकली, पर सर्द हवाओं ने कंपकंपी छुड़ाए रखी। दिनभर सर्द हवाएं चलती रहीं। लोग अलाव जलाकर ठंड से राहत पाने की कोशिश करते नजर आए। वहीं रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर भी ठंड के चलते यात्रियों की संख्या में गिरावट आ गई है। बढ़ती ठंड को देखते हुए लोगों ने अपने बच्चों को बाहर खेलने तक के लिए मना कर दिया है। वहीं, लोग किसी तरह अपने निजी खर्चे पर अलाव व हीटर जलाकर किसी तरह ठंड से बचने की कोशिश कर रहे हैं। उधर बाजार एक बार फिर से सुने पड़ गए हैं। शनिवार-रविवार यात्रियों से गुलजार रहने वाला हरिद्वार में सन्नाटा पसर गया है। कुल मिलाकर इस बार की हाड़कंपाती ठंड ने सभी का हाल बेहाल कर दिया है।

Related Articles

Back to top button