हरिद्वार

21 जनवरी से नामांकन प्रक्रिया प्रारंभ

गगन शर्मा सह सम्पादक

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(गगन शर्मा) हरिद्वार। हरिद्वार निर्वाचन अधिकारी ने समस्त राजनीति दलों और प्रत्याशीयो को अवगत कराते हुए बताया कि चुनाव अधिसूचना की तिथि 21 जनवरी से नामांकन प्रक्रिया प्रारंभ हो गयी है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा-90 के तहत प्रत्याशियों हेतु अधिकतम निर्वाचन व्यय सीमा बढ़ाकर 40 लाख प्रति प्रत्याशी कर दी गयी है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा-77 (1) के अनुसार विधानसभा के प्रत्येक प्रत्याशी के लिये नामांकन की तिथि से निर्वाचन के परिणाम की घोषणा की तिथि के मध्य सभी व्ययो का पृथक में लेखा रखना अनिवार्य होगा। प्रत्याशियों को अपने व्यय लेखों में डिजिटल माध्यम से किये जाने वाले व्यय को भी शामिल करना होगा। लेखांकन हेतु प्रत्याशियों को रजिस्टर नामांकन के समय रिटर्निंग ऑफिसर के द्वारा उपलब्ध कराए जायेगे। प्रत्येक प्रत्याशी को निर्वाचन परिणाम घोषित होने के 30 दिन के अंदर जिला निर्वाचन कार्यालय में व्यय लेखा स्वयं अथवा प्रतिनिधि के माध्यम से दाखिल कराना अनिवार्य होगा। समय सीमा के भीतर निर्वाचन व्यय लेखा दाखिल करने में असफल रहने पर सम्बंधित प्रत्याशी को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा हरिद्वार निर्वाचन अधिकारी ने समस्त राजनीति दलों और प्रत्याशीयो को अवगत कराते हुए बताया कि चुनाव अधिसूचना की तिथि 21 जनवरी से नामांकन प्रक्रिया प्रारंभ हो गयी है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा-90 के तहत प्रत्याशियों हेतु अधिकतम निर्वाचन व्यय सीमा बढ़ाकर 40 लाख प्रति प्रत्याशी कर दी गयी है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा-77 (1) के अनुसार विधानसभा के प्रत्येक प्रत्याशी के लिये नामांकन की तिथि से निर्वाचन के परिणाम की घोषणा की तिथि के मध्य सभी व्ययो का पृथक में लेखा रखना अनिवार्य होगा। प्रत्याशियों को अपने व्यय लेखों में डिजिटल माध्यम से किये जाने वाले व्यय को भी शामिल करना होगा। लेखांकन हेतु प्रत्याशियों को रजिस्टर नामांकन के समय रिटर्निंग ऑफिसर के द्वारा उपलब्ध कराए जायेगे। प्रत्येक प्रत्याशी को निर्वाचन परिणाम घोषित होने के 30 दिन के अंदर जिला निर्वाचन कार्यालय में व्यय लेखा स्वयं अथवा प्रतिनिधि के माध्यम से दाखिल कराना अनिवार्य होगा। समय सीमा के भीतर निर्वाचन व्यय लेखा दाखिल करने में असफल रहने पर सम्बंधित प्रत्याशी को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा-10 (क) के अधीन अनर्ह घोषित किया जा सकता है। किसी भी प्रत्याशी को निर्वाचन व्यय से सम्बंधित पुनः प्रशिक्षण की आवश्यकता होने पर मुख्य कोषाधिकारी/नोडल अधिकारी व्यय अनुवीक्षण से जिला कोषागार से समर्पक करने की बात कही है।

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