रुड़की

ज्योतिष गुरुकुलम में श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन कथा व्यास आचार्य पंडित रमेश सेमवाल ने गौ की महिमा का किया वर्णन

इमरान देशभक्त रुड़की प्रभारी

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(इमरान देशभक्त) रूडकी। ज्योतिष गुरुकुलम पुरानी तहसील में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पंचम दिवस में कथा व्यास आचार्य पंडित रमेश सेमवाल ने गौ महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गौ माता की सेवा की व गौ माता की पूजा की। गौ माता श्रीकृष्ण की माता है।विश्व की माता है। श्रीराम की माता है।नंगे पांव भगवान श्रीकृष्ण गौ को चराने जाया करते थे। गौ के दूध पीकर श्रीकृष्ण बडे हुए। श्रीमद्भागवत पुराण और भविष्य पुराण में कहा गया है कि समुद्र मंथन के समय कामधेनु गाय प्रगट हुई। कामधेनु अर्थात समस्त इच्छाओं को पूर्ण करने वाली, वह अग्निहोत्र की सामग्री उत्पन्न करने वाली थी, इसलिए ब्रह्मा व ऋषियों ने उसे ग्रहण किया। आचार्य पंडित रमेश सेमवाल ने बताया कि पांच प्रकार की गौ को कामधेनु कहा जाता है। नंदा, सुभद्रा, सुरभि, सुशीला और बहुला इनमें से जमदग्नि ऋषि जी को नंदा गाय, भारद्वाज ऋषि जी को सुभद्रा गाय, वशिष्ठ ऋषि जी को सुरभि गाय, असित ऋषि जी को सुशीला गाय और गौतम ऋषि जी को बहुला गाय दी गई। भगवान के मुख से अग्नि, ब्राह्मण देवता और गौ यह चार उत्पन्न हुए और इन चारों को जो कुछ भी समर्पित किया जाता है, वह सीधा भगवान तक पहुंचता है, जो प्रतिदिन स्नान करके गौ को स्पर्श करता है और उसके खुरों से उड़ाई हुई धूल को सिर पर धारण करता है वह मानो सारे तीर्थों के जल में स्नान कर लेते हैं और सब पापों से छूट जाते हैं। गौ के पैरों में समस्त तीर्थों का निवास होता है। पैरों में लगी मिट्टी का तिलक जो मनुष्य अपने मस्तक में करता है, तत्काल तीर्थ जल में स्नान करने का पुण्य प्राप्त करता है।गौ स्वर्ग और मोक्ष की सीढ़ी है। गौ सेवा से मनुष्य अगणित कुलों का उद्धार और यम यातना से मुक्त हो जाता है।गौ की सेवा से हर कुछ मिल जाता है। पुत्र-पुत्री की प्राप्ति, लक्ष्मी प्राप्ति, विद्या प्राप्ति, यश प्राप्ति, ज्ञान प्राप्ति, बल प्राप्ति, दीर्घायु की प्राप्ति, बुद्धि की प्राप्ति, धन की प्राप्ति सब कुछ प्राप्त हो जाता है। गौ दान का भी बड़ा महत्व है। गौ के शरीर में 33 कोटि देवता विराजमान है। रोज गौ माता को हरा चारा जल देना चाहिए।गौ माता की पूरी सेवा करनी चाहिए। गौ माता ऑक्सीजन का भंडार है। प्राण, वायु, ऊर्जा देती है। गौ के दूध, दही, घी, गौमूत्र, गोबर में प्राण, वायु, ऊर्जा के तत्व हैं, जिससे मनुष्य के जीवन में शक्ति प्राप्त होती है। प्राकृतिक संतुलन बना रहता है। विटामिन, प्रोटीन सब कुछ गौ माता के दूध में है। गौ माता के दूध, गौमूत्र से रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। कथा में आचार्य नरेश शास्त्री, आचार्य संदीप शास्त्री, भाजपा नेता महेंद्र काला, महेंद्र भटनागर, सुलक्षणा सेमवाल, आदिति सेमवाल, राधा भटनागर, चित्रा गोयल, प्रीति मित्तल, पारुल मित्तल, मोना मित्तल, नरेश अग्रवाल, प्रदीप चौहान, अजय गुप्ता, विकास शर्मा, मोहित वशिष्ठ आदि उपस्थित रहे।

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