हरिद्वार की गूंज (24*7)
(गगन शर्मा) हरिद्वार। कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसे कोई भी हल्के में नहीं लेता। यह एक ऐसी स्थिति है जिसके कारण मानव शरीर की कुछ सेल्स कंट्रोल से बाहर हो जाती हैं और शरीर के अन्य क्षेत्रों में फैल जाती हैं। कैंसर व्यावहारिक रूप से मानव शरीर में कहीं भी विकसित हो सकता है। उपरोक्त जानकारी देते हुये स्वामी विवेकानंद हैल्थ मिशन सोसायटी द्वारा संचालित स्वामी रामप्रकाश चैरिटेबल हास्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डा-संजय शाह ने बताया कि ‘विश्व कैंसर दिवस’ कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने, इसकी रोकथाम, पहचान और इलाज को प्रोत्साहित करने के लिए प्रत्येक वर्ष 4 फरवरी को मनाया जाने वाला एक अंतर्राष्ट्रीय दिवस है। इस साल कैंसर डे की थीम ‘‘कैंसर केयर गैप को कम करें’’ है। कैंसर वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ती गंभीर और जानलेवा स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। कई प्रकार के कैंसर के कारण हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। ये बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित करने वाली हो सकती है, यहां तक कि बच्चों को भी इसका शिकार पाया जा रहा है। आनुवांशिकता और पर्यावरणीय कारकों के अलावा लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी भी इस रोग के खतरे को बढ़ाने वाली मानी जाती है। डा-शाह के अनुसार कैंसर के कई कारण हो सकते हैं। जिन लोगों के परिवार में किसी को पहले भी कैंसर रह चुका है, उनमें आनुवांशिक रूप से इस रोग का खतरा अधिक हो सकता है। रिफाइंड खाद्य पदार्थ जिनमें चीनी, तेल की मात्र अधिक और फाइबर-पोषक तत्वों की मात्र कम होती है, इनके भी अधिक सेवन से कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है। जिस आहार से शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ता है। उसके अधिक सेवन से पेट, स्तन और कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा अधिक देखा जाता है। पुरुषों में लंग, प्रोस्टेट, कोलोरेक्टल, पेट और लीवर का कैंसर, वहीं महिलाओं में ब्रेस्ट, कोलोरेक्टल, लंग, सर्वाइकल कैंसर व थायराइड कैंसर काफी आम हैं। जब शरीर में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने और विभाजित होने लगती है, तब कैंसर होता है। स्वस्थ कोशिकाएं शरीर की जरूरत के हिसाब से बढ़ती और विभाजित होती हैं। कोशिकाओं की उम्र जैसे जैसे बढ़ती हैं, वे मर जाती हैं। लेकिन जब पुरानी कोशिकाएं मरने के बजाय जीवित रहती हैं और जरूरत नहीं होने पर भी अतिरिक्त कोशिकाओं का निर्माण होने लगता है। तब अतिरिक्त कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से विभाजित होती हैं, जो कैंसर का कारण बनता है। कैंसर शरीर के किसी भी अंग या ऊतक में शुरू हो सकता है। जब ये शरीर के दूसरे अंगों में फैल जाता है, तब जानलेवा साबित होता है।
डा-संजय शाह ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रत्येक वर्ष दुनिया भर में करीब एक करोड़ लोगों की मौत केवल कैंसर से होती है। इस रोग के कारणों और जांच के बारे में जागरूकता बढ़ाने से इससे होने वाली मृत्यु की दर पर नियंत्रण पाया जा सकता है। शुरुआती जांच और उसका इलाज कैंसर से सुरक्षित होने का सबसे आसान तरीका है। शुरुआती जांच करने से रोगी का जीवन बचाया जा सकता है। धूम्रपान और वायु प्रदूषण वाली जगहों से दूर रहने पर भी कैंसर की दर को कम किया जा सकता है। पिछले कुछ वर्षों में विज्ञान ने कैंसर के प्रकारों, कारणों और उपचारों में काफी विकास किया है, लेकिन जानकारी का अभाव, हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स को प्रशिक्षित करके और इफेक्टिव कम्युनिटी बेस्ड प्लान को अमल में लाकर इस खतरनाक बीमारी से बचा जा सकता है। हमें यह भी ध्यान देना होगा कि कैंसर संक्रामक रोग नहीं है, कैंसर के मरीजों से दूरी न बनाएं। सरकार ने इस बार के बजट में स्वास्थ्य सेवाओं के अंतर्गत सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए सरकार ने अब एक बड़ा ऐलान किया है। सरकार, सर्वाइकल कैंसर वैक्सीन यानी एचपीवी वैक्सीन का टीकाकरण करवाएगी, जिसमे कि 9 से 14 साल की लड़कियों के लिये ये निःशुल्क होगा।