श्रावण माह शिवरात्रि का महत्व एवं शुभ मुहूर्त: भगवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री
नीटू कुमार हरिद्वार संवाददाता
हरिद्वार की गूंज (24*7)
(नीटू कुमार) हरिद्वार। श्रावण माह शिवरात्रि का महत्व भगवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया की सावन महीने में सृष्टि की रक्षा के लिए भगवान शंकर ने समुद्र मंथन से निकले विष को ग्रहण कर लिया था। फिर इस विष के प्रभाव को कम करने के लिए सभी देवी-देवताओं ने शिव जी का जल से अभिषेक करना शुरू कर दिया था। कहते हैं तभी से श्रावण महीने में शिवलिंग पर जल चढ़ाने की परंपरा शुरू हो गई। इसी परंपरा को निभाते हुए सावन महीने में शिव भक्त कांवड यात्रा पर जाते हैं और पवित्र स्थानों से गंगाजल लेकर सावन शिवरात्रि पर उस जल से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं। सावन शिवरात्रि के दिन शिव का अभिषेक करना बेहद शुभ माना जाता है। इसलिए इस शिवरात्रि का खास महत्व होता है। कहते हैं जो भक्त सावन शिवरात्रि के दिन शिव का जलाभिषेक करता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। साथ ही मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं महादेव का जलाभिषेक करने से व्यक्ति को धर्म, अर्थ, काम, और मोक्ष की प्राप्ति होती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस बार श्रावण मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 2 अगस्त को दोपहर 3:26 बजे शुरू हो रही है। यह 3 अगस्त को अपराह्न 3:50 बजे समाप्त हो रही है। ऐसे में सावन शिवरात्रि 2 अगस्त 2024 को होगी और इसी दिन शिवरात्रि की पूजा और व्रत किया जाएगा।
सावन शिवरात्रि पूजा मुहूर्त
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय–सायं 07:11–रात्रि 09:49 तक (2 अगस्त)
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय–रात्रि 09:49–रात्रि 12:27 तक (3 अगस्त)
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय–रात्रि 12:27-प्रातः 03:06 तक (3 अगस्त)
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय–प्रातः 03:06–प्रातः 05:44 तक (3 अगस्त)
निशिता काल मुहूर्त–रात्रि 12:06–रात्रि 12:49 तक (3 अगस्त)
शिवरात्रि पारण समय–प्रातः 05:44–दोपहर 03:49 तक (3 अगस्त)