चैत्र नवरात्रि की अष्टमी 5 और राम नवमी 6 अप्रैल को: आचार्य विकास जोशी
नीटू कुमार हरिद्वार संवाददाता

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(नीटू कुमार) हरिद्वार। आचार्य विकास जोशी ने प्रेस को जारी बयान में बताया कि चैत्र नवरात्रि की अष्टमी 5 अप्रैल शनिवार और नवमी तिथि 6 अप्रैल रविवार को पड़ रही है। नवमी तिथि नवरात्रि का आखिरी दिन माना गया है। इस दिन कन्याओं को भोज कराया जाता है। कन्या पूजन में एक बटुक भैरव को भी बैठाया जाता है। कन्या पूजन को कुमारी पूजा व कंजक पूजा भी कहा जाता है। इस समय चैत्र नवरात्रि चल रहे हैं। राम नवमी पर पूरे दिन रवि पुष्य योग, रवि योग व सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। ऐसे में कन्या पूजन के लिए पूरा दिन शुभ रहने वाला है। कन्या पूजन में कन्याओं की संख्या 1-9 तक शामिल कर सकते हैं। शास्त्रों के अनुसार, जितनी कन्या होती हैं, वैसा ही फल प्राप्त होता है। संख्या के अनुसार कन्या पूजन का फल- 1 कन्या की पूजा करने से ऐश्वर्य, 2 कन्याओं की पूजा से भोग, 3 कन्याओं की पूजा से पुरुषार्थ, 4 व 6 कन्याओं की पूजा से बुद्धि व विद्या, 6 कन्याओं की पूजा से सफलता, 7 कन्याओं के पूजन से परमपद, 8 कन्याओं के पूजन से अष्टलक्ष्मी व 9 कन्याओं के पूजन से सभी ऐश्वर्य के प्राप्त होने की मान्यता है। कन्या पूजन में 2 साल से 10 साल तक की कन्याओं को शामिल कर सकते हैं। हर उम्र की कन्या को मां दुर्गा का अलग-अलग स्वरूप माना जाता है। जैसे 1-2 वर्ष की कन्या को कल्याणी या अदिति, 3-4 वर्ष की को रोहिणी, 5-6 वर्ष की को कालिका, 7-8 वर्ष की को सांभवी और 9-10 वर्ष की कन्या को दुर्गा या सुभद्रा माना जाता है।