हरिद्वार

बायोगैस प्लांट से जगवती के जीवन में आया बदलाव

गगन शर्मा सह सम्पादक

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(गगन शर्मा) हरिद्वार। लक्सर के महाराजपुर खुर्द में बायोगैस प्लांट का निर्माण कार्य सम्पन्न हुआ, यह कार्य मनरेगा योजना एवं उरेडा विभाग से युगपतिकरण के द्वारा किया गया। इसमें लाभार्थी के रूप में खडक सिंह की पत्नी जगवती का नाम चयन किया गया। बायोगैस संयंत्र निर्माण पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल हुई। जगवती ने बताया कि उनके पास कुल 06 पशु हैं और पहले वे इन पशुओं का गोबर सड़क किनारे और आसपास के खाली स्थानों पर डाल देती थीं, जिससे गंदगी फैलती थी। बायोगैस संयंत्र से पहले घर में खाना पकाने के लिए जंगल से लकड़ी एकत्रित की जाती थी, जिससे धुआं होने की वजह से आंखों और स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता था। अब, बायोगैस संयंत्र लगने के बाद उनके पशुओं का लगभग 16 टन गोबर बायोगैस संयंत्र में डालकर गैस का उत्पादन किया जाता है। यह गैस रसोई में खाना पकाने के काम आती है, साथ ही अतिरिक्त गैस से 100 वॉट के बल्ब को रोशन किया जाता है। इसके अतिरिक्त, बायोगैस पिट में बचा हुआ गोबर खाद बन जाता है, जिसे किचन गार्डन और खेतों में उपयोग किया जाता है, जिससे जैविक खेती के माध्यम से अनाज का उत्पादन हो रहा है। इस योजना से जगवती के जीवन में बदलाव आया है। वर्षभर की गैस के उत्पादन से उनके घर की आर्थिक स्थिति में वृद्धि हुई है और दूसरे खर्चों में भी राहत मिली है।

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