हरिद्वार

विशाखापत्तनम में डॉ चिन्मय पण्ड्या ने किया ज्योति कलश यात्रा का शुभारंभ

रवि चौहान हरिद्वार संवाददाता

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(रवि चौहान) हरिद्वार। आगामी वर्ष शांतिकुंज की संस्थापिका माता भगवती देवी शर्मा जी एवं दिव्य अखण्ड दीप का शताब्दी वर्ष है। इस निमित्त सनातन संस्कृति से ओतप्रोत माता भगवती देवी शर्मा के विचारों को जन जन तक आलोकित करने के उद्देश्य देश-विदेश में ज्योति कलश यात्रा निकाली जा रही है। इसी शृंखला में गायत्री परिवार प्रमुखद्वय डॉ प्रणव ण्ड्या एवं श्रद्धेया शैलदीदी के मार्गदर्शन में आंध्रप्रदेश के गायत्री चेतना केन्द्र विशाखापत्तनम से ज्योति कलश यात्रा का शुभारंभ हुआ। इस यात्रा का भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकया नायडू व देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति युवा आइकान डॉ चिन्मय पण्ड्या ने झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान युवा आइकान डॉ चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि गायत्री परिवार समाज व राष्ट्र निर्माण के लिए आध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों को केंद्र में रखकर कार्य कर रहा है। उन्होंने युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी के विचारों के अनुसार विभिन्न समसामयिक विषयों पर चर्चा की। इस अवसर पर पूर्व उपराष्ट्रपति श्री वेंकया नायडू ने कहा कि गायत्री परिवार के मुख्यालय शांतिकुंज को एक जागृत तीर्थ बताया एवं परम पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य के विचारों को आधार बना कर अपनी बात रखी। उन्होंने विगत दिनों शांतिकुंज और देव संस्कृति विश्वविद्यालय में आगमन की स्मृतियों को साझा किया। इस अवसर पर युवा आइकान ने श्री नायडू जी को गायत्री मंत्र चादर, युग साहित्य आदि भेंटकर सम्मानित किया। इससे पूर्व युवा आइकान डॉ चिन्मय पण्ड्या ने स्थित गायत्री चेतना केंद्र में नवनिर्मित मंदिर में आदिशक्ति माँ गायत्री माता की वैदिक कर्मकाण्ड के साथ प्राण प्रतिष्ठा की। इस दौरान आंध्रप्रदेश के कोने कोने से हजारों परिजनों सहित स्थानीय जन प्रतिनिधिगण भी मौजूद रहे।

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