उत्तरप्रदेश

चर्चा: थाना फतेहपुर क्षेत्र में नशे का करोबार धड़ल्ले जारी

स्मैक में बर्बादी की कहानी, नशे में घुली जवानी

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(राव जुबैर पुंडीर) छुटमलपुर। युवा मन को जोश व उमंग की उम्र कहा जाता है। यही उम्र का पड़ाव होता है, जब भविष्य को लेकर इसी युवा मन द्वारा लक्ष्य साधा जाता है, पर दुर्भाग्यवश फतेहपुर थाना क्षेत्र के युवाओं की नसों में जोश कम नशा तैरता ज्यादा दिखाई दे रहा है। कहने का मतलब यह है कि क्षेत्र में स्मैक का कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा और क्षेत्र की युवा पीढ़ी नशे की आदी होती जा रही, जबकि जिम्मेदार पूरी तरह से बेखबर नजर आ रहे हैं। यह कहना कतई गलत न होगा कि देहात क्षेत्र की युवा पीढ़ी पथ भ्रमित नजर आ रही है। धूम्रपान से लेकर शराब का सेवन तक करने में 16 साल से लेकर 25 वर्ष तक की आयु के ही युवा ज्यादा चिह्नित किए जा रहे हैं। नशे के दलदल में फंसने वालों में अच्छे अच्छे परिवारों के बच्चे भी शामिल हैं, जो पढ़ने लिखने की उम्र मेें नशे के आदी होते जा रहे हैं। नशे में धूम्रपान से लेकर शराब का सेवन तो किया ही जा रहा, इसके अलावा जो इन दिनों नशा नसों में उतारा जा रहा है, उनमें स्मैक का नाम पहले लिया जा रहा है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि इस नशे की पुड़िया 50 से लेकर 200 व 500 रुपये में अलग-अलग मात्राओं में मुहैया है। स्मेक के नशे के कारण युवाओ को जब नशा करने के लिए पैसे नही मिलते है तो वह क्राइम की दुनिया मे कदम रखते है चोरी लूट जैसी घटनाओं को अंजाम देकर यह अपना नशा पूरा करते है। यूपी से सटे राज्य उत्तराखंड के थाना भगवानपुर के कुछ गांव ऐसे है कि जो यह स्मेक जैसा नशा खुलेआम बेच रहे है। जहाँ से यह यूपी के छुटमलपुर के अलग अलग जगह पर सप्लाई किया जाता है। वही से यह तस्कर छोटे छोटे दामो पर ही नशेड़ियों को दिया जा रहा है। फतेहपुर भादो के युवा व अन्य ओर अलग अलग जगहों पर बर्बादी का नशा फैला हुआ है। अभी कुछ दिनों पहले भी फतेहपुर पुलिस को मदद से एसटीएफ ने 50 लाख के नशे के साथ तस्कर गिरफ्तार किए थे।

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