हरिद्वार

पूर्वांचल की रीत बनाओ सब संग प्रीत, सरस्वती पूजा में दिखेगी पूर्वांचल की रौनक

वेद प्रकाश चौहान मुख्य सह सम्पादक

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(वेद प्रकाश चौहान) हरिद्वार। पूर्वांचल की लोक परंपरा संस्कृति और सभ्यता का प्रतीक, सामाजिक एकता और अखंडता के स्वरूप में विद्वान मां भगवती सरस्वती आराधना का उत्सव सरस्वती पूजन का आयोजन तीर्थ नगरी हरिद्वार में संपन्न होने जा रहा है। बसंत पंचमी के पावन अवसर पर दिनांक 5 फरवरी दिन शनिवार को श्री अवधूत मंडल आश्रम सिंहद्वार ज्वालापुर हरिद्वार में परम पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी संतोष आनंद देव जी महाराज के पावन सानिध्य में पूर्वांचल उत्थान संस्था के तत्वावधान में दित्य सरस्वती पूजा का आयोजन किया जा रहा है। तीर्थ नगरी हरिद्वार में एक और जहां बसंत पंचमी के दिन पतंगबाजी पर जोर रहता है वही पूर्वांचल समाज के लोग भक्ति और श्रद्धा के साथ सरस्वती पूजा का आयोजन करते चले आ रहे हैं। वास्तव में सरस्वती पूजा बच्चों के उज्जवल भविष्य को ध्यान में रखते हुए संस्कारित शिक्षा देने के लिए उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बच्चों का विद्यारंभ संस्कार किया जाता है। चंद लोगों के द्वारा शुरू की गई संस्था आज एक विशाल स्वरूप धारण कर चुकी है। ‌ कोरोनावायरस के दृष्टिगत पूरी सावधानी एवं सतर्कता के साथ सरस्वती पूजन का आयोजन किया जा रहा है। पूजा में शामिल होने वाले सभी भक्तों से निवेदन किया जा रहा है कि वह भारत सरकार की गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए ही पूजा में उपस्थित हो। सरस्वती पूजन को सफल बनाने के लिए सीए आशुतोष पांडे, बीएन राय, राकेश शर्मा, वीके त्रिपाठी, श्रीनाथ प्रसाद ओझा, राम अवतार सिंह, लक्ष्मी प्रसाद त्रिपाठी, मनोज कुमार शुक्ला, धर्मेंद्र साह, कमलेश सिंह, गौरव यादव, कृष्ण कुमार यादव, काली प्रसाद साह, विष्णु देव साह, विनोद शाह, राम सागर जयसवाल, राम सागर यादव, कामेश्वर यादव, पंडित भोगेंद्र झा, पं विनय मिश्रा, डॉ नारायण पंडित, अवधेश झा सहित अन्य सदस्य गण लगातार जी जान से जुटे हैं।

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