
हरिद्वार की गूंज (24*7)
(अब्दुल सत्तार) हरिद्वार। बहुचर्चित नगर निगम जमीन घोटाले में अब नया मामला प्रकाश में आया है, जिसमे महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जांच पड़ताल मे स्पष्ट जांच सामने आई कि तहसील विभाग से जमीन का कोई अवलोकन ही नहीं करवाया गया। हरिद्वार उप जिलाधिकारी अजयवीर सिंह द्वारा 143 के अंतर्गत इसे गोडाउन बनाने के लिए दिया गया, आदेश अन्य किसी रूप में भूमि का उपयोग करने पर स्वयं ही रद्द हो जाएगा। ऐसा उक्त जमीन की खतौनी में स्पष्ट दिख रहा है। बहुचर्चित भूमि घोटाले पर अन्य पहलुओं की जांच कागजों के आधार पर की गई तो सामने आया कि जमीन को क्रय विक्रय करने पर उनका 143 आदेश स्वयं ही रद्द समझा स्पष्ट कागजों में पाया गया। वहीं खतौनी आदेशों को दरकिनार करते हुए हरिद्वार नगर निगम द्वारा की गई बहुचर्चित भूमि खरीद में अब तक का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है।
वहीं आपको बताते चलें कि बहुचर्चित नगर निगम हरिद्वार जमीन मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिये जांच के आदेश में प्रथम दृष्टया ज़मीन मामले में अनियमितता पाये जाने पर नगर निगम हरिद्वार के 4 कर्मचारी निलंबित, एक कर्मचारी का सेवा विस्तार समाप्त, एक कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। अब देखना यह है कि आने वाले समय में उक्त जमीन प्रकरण में आगे भी इसी तरह से निष्पक्ष कार्यवाही जारी रहेगी, उक्त मामले का पूरी तरह से पटापेक्ष होगा या नहीं ये तो आने वाला समय ही बतायेगा।