हरिद्वार

जिला कारागार रोशनाबाद में सातवें दिन हुई नवरात्रि सप्तम दिवस देवी भागवत कथा आयोजन

नीटू कुमार हरिद्वार जिला संवाददाता

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(नीटू कुमार) हरिद्वार। हिंदू नव वर्ष चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर श्री अखंड परशुराम अखाड़ा के तत्वाधान में जिला कारागार रोशनाबाद जेल हरिद्वार में श्रीमद् देवी भागवत कथा के सप्तम दिवस कथा व्यास भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री जी ने बताया सातवें नवरात्रि के दिन मां काली का पूजन किया जाता है श्रीमद् देवी भागवत महापुराण में वर्णन मिलता है जब शुभ निशुंभ नामक दैत्य पाताल लोक से पृथ्वी लोक पर आकर के ब्रह्मा जी की तपस्या कर ब्रह्मा जी से स्त्री के द्वारा हमारी मृत्यु हो यह वरदान प्राप्त करते हैं वरदान प्राप्त कर विचार करते हैं कि जब कोई मनुष्य कोई देवता कोई राक्षस कोई पुरुष हमें मार ही नहीं सकता है भला कोई स्त्रि हमे में क्या मारेगी यह सोचकर स्वर्ग पर आक्रमण कर दिया इस बीच रक्तबीज दमक दैत्य शिव की तपस्या करके वरदान प्राप्त करता है मेरी एक रक्त की बूंद पृथ्वी पर गिरने से हजारों रक्तबीज उत्पन्न हो शुंभ निशुंभ के साथ मिलकर के रक्तबीज देवताओं एवं मनुष्यों को सताने लगा तब सभी देवता एवं मनुष्य ने मिलकर के मां भगवती की आराधना की मां भगवती काली रूप में उत्पन्न होकर के रक्तबीज का रक्त पान कर शुंभ निशुंभ का संघार कर देती है तभी से भक्त मां काली का पूजन कालरात्रि के रूप में करते हैं महाकाल रात्रि का पूजन करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा नहीं आती है बहुत बड़ा प्रेत बाधा बुरी नजर बुरी हवा सब दूर हो जाती है इस अवसर पर जेल अधीक्षक मनोज आर्य ने भी सभी बंधीयों को संबोधित करते हुए कहा वेद पुराण एवं शास्त्र के बताइए मार्ग पर चलते हुए अपने भीतर से बुराइयों को दूर करना चाहिए भीतर की बुराइयां तभी दूर होती है जब हम शास्त्रों का अध्ययन करते हैं एवं कथाओं का श्रवण करते हैं श्री अखंड परशुराम अखाड़ा राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक जी ने भी बंधीयों को संबोधित करते हुए कहा श्री अखंड परशुराम अखाड़ा हमेशा समाज कल्याण के लिए आगे रहता है समय-समय पर जिला कारागार में देवी भागवत श्रीमद् भागवत राम कथा एवं अनेकों प्रकार के आयोजन अखाड़े के द्वारा कराए जाते रहे हैं और आगे भी कराए जाएंगे ताकि हमारे भीतर की बुराइयां दूर हो एवं समाज में अच्छे नागरिक बनकर के हम अपना जीवन यापन कर सके इस अवसर पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री महंत रविन्द्र पुरी महाराज, महामंडलेश्वर ललितानंद महाराज, महंत गोविंद दास, महंत रामदास, शुभम गिरी, रूद्रानंद महाराज, अमर उपाध्याय,संतोष दिक्षित, लोकेश कुमा, खुश उपाध्यायअश्मित कौशिक, हर्ष पंडित, आशीष, सोनू, शशिकांत आदि मौजूद रहे।

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