पिरान कलियर

11 साल की नन्ही सी उम्र में तल्हा और बड़े भाई मोहम्मद आरिज़ अंसारी ने रमज़ान के पूरे महीने रखे रोज़े

जावेद अंसारी उत्तराखंड प्रभारी

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(जावेद अंसारी) पिरान कलियर। रमज़ान का पवित्र महीना इबादत और आत्मसंयम का प्रतीक होता है। इस बार, रुड़की के रहने वाले 11 साल के तल्हा और बड़े भाई मोहम्मद आरिज़ अंसारी ने पूरे महीने के रोज़े रखकर मिसाल कायम की है। तल्हा और बड़े भाई मोहम्मद आरिज़ अंसारी भले ही छोटी हो, लेकिन उनकी हिम्मत और लगन ने सभी को हैरान कर दिया। उनके परिवार वालों का कहना है कि दोनों भाइयों ने पहली बार पूरे रमज़ान के रोज़े रखे और बिना किसी कठिनाई के इसे पूरा किया।

घरवालों की खुशी: तल्हा और बड़े भाई मोहम्मद आरिज़ अंसारी के पिता शमशाद अहमद अंसारी ने बताया कि दोनों भाइयों ने खुद ही रोज़े रखने का फैसला किया था। उन्होंने कहा, हमने सोचा था कि ये बच्चे पूरे महीने नहीं रख पाएंगे, लेकिन इनकी हिम्मत और अल्लाह पर भरोसे ने हमें भी प्रेरित किया।

मोहल्ले में चर्चा का विषय बने: इन दोनों भाइयों की यह कड़ी मेहनत और ईमानदारी देखकर पूरा मोहल्ला उनकी तारीफ कर रहा है। मस्जिद के इमाम साहब ने भी दोनों की हौसला अफ़ज़ाई करते हुए कहा कि इतनी कम उम्र में इस तरह की इबादत करना एक बड़ी बात है।

तल्हा और बड़े भाई मोहम्मद आरिज़ अंसारी का अनुभव: जब ताल्हा और अर्जी से पूछा गया कि क्या रोज़े रखना मुश्किल था, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “पहले हमें लगा कि भूख और प्यास लगेगी, लेकिन जब रोज़े की नियत कर ली तो अल्लाह ने हमें ताकत दी। अब हमें बहुत अच्छा लग रहा है कि हमने पूरे रोज़े रखे।”

इन नन्हे रोज़ेदारों की यह मेहनत और लगन पूरे समाज के लिए प्रेरणा बन गई है। अल्लाह इनकी इबादत कुबूल करे और इन्हें आगे भी ऐसे ही नेक रास्ते पर चलने की तौफ़ीक़ दे।

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